Not known Factual Statements About Shodashi
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The murti, and that is also noticed by devotees as ‘Maa Kali’ presides over the temple, and stands in its sanctum sanctorum. Here, she is worshipped in her incarnation as ‘Shoroshi’, a derivation of Shodashi.
This classification highlights her benevolent and nurturing facets, contrasting with the fierce and moderate-fierce natured goddesses within the group.
ध्यानाद्यैरष्टभिश्च प्रशमितकलुषा योगिनः पर्णभक्षाः ।
यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari ashtottarshatnam
पद्मालयां पद्महस्तां पद्मसम्भवसेविताम् ।
नौमीकाराक्षरोद्धारां सारात्सारां परात्पराम् ।
She may be the in the form of Tri electrical power of evolution, grooming and destruction. Whole universe is altering below her ability and destroys in cataclysm and once again get rebirth (Shodashi Mahavidya). By accomplishment of her I acquired this place and for this reason adoration of her is the best just one.
देवीभिर्हृदयादिभिश्च परितो विन्दुं सदाऽऽनन्ददं
ह्रीङ्काराम्भोधिलक्ष्मीं हिमगिरितनयामीश्वरीमीश्वराणां
कामेश्यादिभिराज्ञयैव ललिता-देव्याः समुद्भासितं
करोड़ों सूर्य ग्रहण तुल्य फलदायक अर्धोदय योग क्या है ?
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥११॥
Right after falling, this Yoni over the Hill, it reworked into a stone for the benefit of individual however it is stated that still secretion of blood prevails periodically just as if Goddess menstruates.
यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की click here सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।